Ganit

अच्छा, ये हिसाब ग़लत है क्या?
ये जो मैंने रिश्तों के जोड़ से
अपनी उड़ान को घटाया
फिर कई गुना अहम् लिए
दुनियादारी से भाग किया
और सालों उलझनों का समीकरण झेलकर
अंतत:
हाथ लिए बैठा हूँ
एक सुगोल शुन्यता -
ये एक अच्छी गणितीय बुदधी है
या बेवकूफ दोगलापन?
१३/८/09

Comments

Popular Posts